आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ..(४)
साधना तप थी, निर्जरा कर्म थी..(२)
रेलाशे मोक्ष ना सुर,
राग रस त्याग थी, त्याग ना पान थी,
थाशे कंटको दूर..(३)
तप ना मोरलिया टहुके छे रे,
आतम नो जय थाओ,
तप नो विजय थाओ...
त्याग ना तारला टमके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ...
तप ना केसर थी, क्रिया ना पुष्प थी,
कीधा प्रभु शणगार,
सिद्धि पद पामे, आठ कर्मो भागे,
जेम पामे धन्ना अणगार..(३)
तप ना मोरलिया टहुके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ...
त्याग ना तारला टमके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ…
आतम तरसे वरवा शिवरमणी,
जपे प्रभु नाम सुखकारी,
तप ना गुणो थी बार-बार भेद थी,
टळे पापो दुःखकरी,
उग्र तप ने साधना थी,
त्यागी आतम अजवाळी,
भवोनी प्यास बुजावो प्रभु,
पूरी करो मारी मांगणी...
साधना तप थी, निर्जरा कर्म थी..(२)
रेलाशे मोक्ष ना सुर,
राग रस त्याग थी, त्याग ना पान थी,
थाशे कंटको दूर..(३)
तप ना मोरलिया टहुके छे रे,
आतम नो जय थाओ,
तप नो विजय थाओ...
त्याग ना तारला टमके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ...
तप ना केसर थी, क्रिया ना पुष्प थी,
कीधा प्रभु शणगार,
सिद्धि पद पामे, आठ कर्मो भागे,
जेम पामे धन्ना अणगार..(३)
तप ना मोरलिया टहुके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ...
त्याग ना तारला टमके छे रे,
आतम नो जय थाओ, तप नो विजय थाओ…
आतम तरसे वरवा शिवरमणी,
जपे प्रभु नाम सुखकारी,
तप ना गुणो थी बार-बार भेद थी,
टळे पापो दुःखकरी,
उग्र तप ने साधना थी,
त्यागी आतम अजवाळी,
भवोनी प्यास बुजावो प्रभु,
पूरी करो मारी मांगणी...
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