Have Tara Nai Tam Tame (Hindi Lyrics) Jain Diksha Song


Lyricist - Jain Female Monk

हवे तारा नही टम टमे आ आंगणे 
एक संयम नो तारलो झळहळे रे लोल 
हवे पूनम नही आवेमारा बारणे 
मारा आँसूनो दिरयो घडवडे रे लोल 
हवे तारा नही…

मारा पालव नो प्रेम ए तो छोडी गयो 
एना मनगमता आकाशे दोडी गयो… २ 
एणे मूकी छे… (२) 
एणे मुकी छे ममता नी मोजडी… 
प्रभु प्रीति नी बाँधसे घासडी रेलोल 
हवे तारा नही… 

तुं पिता ना प्रेम नो क्यारो हतो 
धन वैभव ने पेढी नो वारस हतो… 2 
जिनशासन नी… (२ वार) 
जिनशासन नी शान ने वधारशे… 
एमा महाव्रतनी मोहर लगावशे रे लोल 
हवे तारा नही…

कालेशेरी मा बाळबनी रमतो हतो 
भाई-बहननी संगाथेजमतो हतो… (२) 
केम अणधार्यो… (२) 
केम अणधाय टहुोकयो आ मोरलो… 
एने आवे छे संयम ना शोरला रे लोल 
हवेतारा नही… 

भोग सुखो ना शमणाओ छूटता नता 
सुख माणवामा दिवसो पण खूटता हता… (२) 
भर यौवन मा… (२) 
भर यौवन मा याग पंथ मोहातो 
ए तो संयम ना शणगारे सोहातो जाय 
हवे तारा नही… 

ए धरती तुं बनजेने कोमल सदा 
मारा लाडला ने खूपेना काकरा कदा… (२) 
ए तो चाल्यो छे… (२) 
ए तो चाल्यो छे कष्ट नी केडीये… 
एने पालशे रे अष्ट – अष्ट मावडी रे लोल 
हवे तारा नही…

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