Vairagi Chalyo (Hindi Lyrics) Jain Diksha Song

अंतर उमंगे, सद्गुरु संगे, रमवा निज स्वभाव,
मोह हणाशे, मद तो जाशे, वीर वचन प्रभाव,
एकज लक्ष, संयमनो पक्ष, सम्यक् चारित्र आधार,
पार उतरवा, संसार तरवा, रत्नत्रयी बने प्राण,
भाव विरागी बने, वेश सजे, खीलववा गुणोनो बाग,
वैरागी चाल्यो चाल्यो चाल्यो... वैरागी चाल्यो…

मारग नेमनो, पंथ सुरवीरनो,
विचरे धीर धरी, करतो कर्मनो चूरो,
वैरागी ने वंदन, खूब रे अभिनंदन,
यशरत्नधनथी, पामे- आतम स्पंदन,

मम मुंडावेह, पव्वावेह, वेशं समप्पेह,
हुं ने मारो मिटावोने तारो बनावजो...

प्रभु प्रेम पाम्यो, धवल वेश मांग्यो,
गुणरत्न संगे, चालशे नेम पंथे,
वैरागी चाल्यो चाल्यो चाल्यो... वैरागी चाल्यो

सत्व धरीने तत्त्व ने पामवा, वैरागी आ चाल्यो…
अहम तणा भरम ने तोडवा, वैरागी आ चाल्यो…
राग तणा महासागर तरवा, वैरागी आ चाल्यो…
रोज परोढे स्वगुणनी शोधे, वैरागी आ चाल्यो…
महाव्रतोनी महोर लगाववा, वैरागी आ चाल्यो…
शासन तणो जयघोष फेलाववा, वैरागी आ चाल्यो...


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