तर्ज: (पा पा पगली)
व्हालनो दरियो छे तुं, तुं छलकतो जाय छे,
दोषथी घेरायो हुं, पण तुं वरसतो जाय छे,
वात्सल्यनी सीमा तमे, जीवंत ज्ञान नी मूरति,
Lyrics : Sadhu Bhagwant
व्हालनो दरियो छे तुं, तुं छलकतो जाय छे,
दोषथी घेरायो हुं, पण तुं वरसतो जाय छे,
भुलो करुं हुं हजारो पण, उपकारों तारा खूटे नहि,
भुलो मारी सहु जाणी पण, कदी स्मित तारुं छूटे नहि,
जीवन डोरी मैं सौंपी, राखजे मारी लाज,
हो हो हो मारा गुरूवर.. हो हो हो मारा प्राण..
तारा बोल पर मारुं चालवु, कालुंने घेलुं स्वीकारजो,
तारा बोल पर मारुं चालवु, कालुंने घेलुं स्वीकारजो,
तारी आंगळी जीलीने, मुजने विजय पंथे चलावजे,
तारा हितवचन ने सांभळीने, दुनिया आंखी मैं त्यजी,
तारी मुज उपर रहे अमीनज़र, बस ऐज पुंजी छे खरी,
पापा पगली मैं कीधी, झालीने तारो हाथ...
जीवन डोरी मैं सौंपी, राखजे मारी लाज,
हो हो हो मारा गुरूवर.. हो हो हो मारा प्राण..
वात्सल्यनी सीमा तमे, जीवंत ज्ञान नी मूरति,
जिनवचन नी निष्ठा अने, ऐकलक्षीता मनमोहती,
रणवीरता, शुरवीरता, सिंहसत्वता तुजमां खरी,
मोहजितना वंशज अहो, युगनाभूषण शुभ पाथवी,
पापा पगली मैं कीधी, झालीने तारो हाथ...
जीवन डोरी मैं सौंपी, राखजे मारी लाज,
हो हो हो मारा गुरूवर.. हो हो हो मारा प्राण..
Lyrics : Sadhu Bhagwant
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