सुंदर आ देहरामा सोही रह्या छो,
भविजनना मन मोही रह्या छो...(2)
अर्जी हवे छे साजना, करवी हवे छे प्रार्थना;
आवजो मन मंदिरिये, आवजो मन मंदिरिये...
हृदयाना आंगणे आप पधारो,
पाप खपावी मननी शोभा वधारो,
हृदयाना आंगणे आप पधारो,
दुखियाना बेली प्रभुवर आप सहारो,
टालवाने आवो यातना, आ ज हवे छे याचना...
आवजो मन मंदिरिये...आवजो मन मंदिरिये...
आवजो मन मंदिरिये, मन मंदिरिये आवजो;
आवजो मन मंदिरिये, मन मंदिरिये आवजो...
तारी प्रतिष्ठा मारा मनमां छे करवी,
कायानी माया तारा चरणोमां धरवी.... (2)
पालवी छे हवे छे आज्ञा,
साधवी हवे छे साधना...
आवजो मन मंदिरिये...आवजो मन मंदिरिये...
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