Sambhavnath Jinand Pyara (Hindi Lyrics) Jain Stavan



(रचना: पूज्य जी हरखचंदजी)

संभवनाथ जिणंद प्यारा संभवनाथ जिणंद... (२)
साहिब सेविये हो, संभवनाथ जिणंद... (४)

सावत्थी नगरी भली हो,
पिता जितारी नरिंद... (२)
लंछन तुरंगम दीपतो (२)
रानी सेना माता नंद...
साहिब सेविये हो, संभवनाथ जिणंद... (२)

ऊंचपणो धनुष चारसे हो
मुख शोभित राता चंद्र... (२)
साठ लाख पूरव की स्थिती (२)
दीपक देह थी नंद...
साहिब सेविये हो, संभवनाथ जिणंद... (२)

जैन धर्म परकाशियो हो प्रभु
मेरो भव दु:ख गंद... (२)
हरखचंद हरखे करी हो (२)
प्रणमे प्रभु पद अरविंद...
साहिब सेविये हो, संभवनाथ जिणंद... (४)
Sambhavnath Jinand Pyara (Hindi Lyrics) Jain Stavan
Sambhavnath Jinand Pyara (Hindi Lyrics) Jain Stavan

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