Rujuvalika Na Neer (Hindi Lyrics) Jain Song



रोज लहेरे चडे छे ऋजुवालिकानां नीर
एनी रेशम-सी रेत पर पधार्याता वीर …

बळतुं आकाश भले धरती धीखेली;
ठारवानुं काम एनी आंखो शीखेली.
एक ऋषि आव्याता वैशाखी दाडे;
ए याद एनी जंपेला जळने जगाडे.
रेत कहे पाणीने : “उघडी तकदीर
एनी रेशम सी रेत पर पधार्याता वीर …

त्रिशलानो कुंवर अहीं एक रात रहेशे;
एनां पगलाने हवे स्वर्ण कमल लेशे.
वहेता समीरे बधे वातो फेलावी;
ऋजुवालिकाए पछी आंखो रेलावी
रणझणती कन्या जाणे थई गई गंभीर
एनी रेशम सी रेत पर पधार्याता वीर…

सांज टाणे प्रभुजीए अंधारुं ठेल्युं;
दुनिया आखीए पछी जीवतर उकेल्युं
उदय ने आज प्रभु मधमीठां लाग्यां;
जुवालिका पासे वर्धमान माग्या
ए धरतीने धन्य! जेणे दीधा महावीर
एनी रेशम सी रेत पर पधार्याता वीर...

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