Navravu Mara Nath (Hindi Lyrics) Jain Abhishek Song


Lyrics - Ankit Shah

• साखी •
अभिषेक काजे आवतो, करवा निर्मळ देह,
तुज नाममां अंकित करूं, कर्मोनो करुं छेद...

हाथमां कळशा भरी आज, नवरावू मारा नाथ..(२)
जळ उमंगे भरु, विविध सुगंधे भरु..(२)
बनवा निर्मळ नाथ... हाथमां कळशा...

मेरुगिरी आवे छे, सुरपति लावे छे,
भावे प्रभुमां अंकित रे..(२)
नदीओना जळ वहे, देवो आनंद लहे,
निर्मळ थाये चित्त रे..(२)
जोई तारा रुपने, भुलु स्वरुपने..(२)
थावं मारे एकाकार... हाथमां कळशा...

क्षिरोदधि पाणी छे, प्रभुजीनी वाणी छे,
करुणा रसे रेलाय रे..(२)
सुखड चंदन, केसर कस्तुरी,
अंगे अंग फेलाय रे..(२)
प्रभु देदार जोई, मन आनंदे होई..(२)
निर्मळ आंखों वरसे छे... हाथमां कळशा...
Navravu Mara Nath (Hindi Lyrics) Jain Abhishek Song
Navravu Mara Nath (Hindi Lyrics) Jain Abhishek Song

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