आनंद रंग भगवंत संग अनहद उमंग उपजायो,
अम अंग अंग... सागर तरंग... उछरंग सुमंगल पायो,
गुणगान प्रभुना... सुरतालमां... अदभूत अनुपम छायो,
नेमिनाथ मंदिरे... मनोहर... नेमिनाथ मंदिरे...
आंगी केवी जाजरमान... शोभे जाणे देवविमान,
दीव दीवे सोनेरी... जयोति करत नदन गान,
आ पुण्य अमारा जाग्या केवा... भाग्य फळ्या छे केवा..
जे शक्ति मळी छे तेना योगे करीए उत्तम सेवा...
गुणगान प्रभुना... नेमिनाथ मंदिरे ..
सुखकारण दुःखवारण छे. जीनराया भवतारण छे,
भयहारण मदमारण छे... नेमिनाथ गुण धारण छे,
जे भक्ति करी ते ओछी लागे... जागे नित नित प्रीति,
अम अंतर आ हंमेशा गातुं... परम प्रभु नी गीती...
गुणगान प्रभुना... नेमिनाथ मंदिरे..
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