आयो रे आयो रे... तप महोत्सव आयो रे,
घर घर खुशियां लायो रे...
तपस्वी अमर रहो, तपस्वी का जयजयकार..(२)
काया को मंदिर बनाया है, तपस्या से उसको सजाया है,
ना हि विराम है, ना हि विश्राम है,
ना हि आराम है, हर दिन तपोत्सवा...
आयो रे आयो रे...
छायो रे छायो रे, श्री संघ में आनंद छायो रे
तप सकल मनभायो रे...
तपस्वी अमर रहो, तपस्वी का जयजयकार...
अप्रमत्ता की है दशा, सेवा समर्पण का है नशा,
संघ वात्सल्य सदा, श्रमण वात्सल्य भी,
शासन का राग है, रगरग में पवित्रता...
आयो रे आयो रे...
आयो रे आयो रे...तप महोत्सव आयो रे,
तपस्वी का जयजयकार...
आयो रे आयो रे...घर घर खुशियां लायो रे,
तपस्वी का जयजयकार...
तपस्वी अमर रहो, तपस्वी का जयजयकार..(३)
ना हि विराम है, ना हि विश्राम है,
ना हि आराम है, हर दिन तपोत्सवा...
आयो रे आयो रे...
छायो रे छायो रे, श्री संघ में आनंद छायो रे
तप सकल मनभायो रे...
तपस्वी अमर रहो, तपस्वी का जयजयकार...
अप्रमत्ता की है दशा, सेवा समर्पण का है नशा,
संघ वात्सल्य सदा, श्रमण वात्सल्य भी,
शासन का राग है, रगरग में पवित्रता...
आयो रे आयो रे...
आयो रे आयो रे...तप महोत्सव आयो रे,
तपस्वी का जयजयकार...
आयो रे आयो रे...घर घर खुशियां लायो रे,
तपस्वी का जयजयकार...
तपस्वी अमर रहो, तपस्वी का जयजयकार..(३)
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