नेम तुं प्राण आधार, मेरो प्रभु, नेम तुं प्राण आधार,
विसरुं जो प्रभु एक घडी तो, प्राण रहे ना हमार ||१||
भोग त्यजीने जोग लेवाने, नीकळ्या नेमकुमार,
गढ गिरनारने वाटे वसिया, ब्रह्मचारी शिरदार ||२||
तुज मूरतिनी भक्ति करतां, थाय हरि एक तार;
पद तीर्थकर करे निकाचित, अकल तुज उपगार ||३||
समतारस भरीयो गुण दरियो, नेमनाथ गिरनार;
सुता जागता ध्यावुं निशदिन, श्वासमांहि सोवार ||४||
मन माणिककुं सोंप्युं में तो, मनमोहनने उधार;
प्रेम व्याज चढ्यो छे इतनो, किम छूटशे किरतार ||५||
हारुं नहि तुज बल थकीजी, सिलसुख दातार;
श्रद्धा भरी छे एक हृदयमां, तुजथी पामीश पार ||६||
‘आनंदधरगिरि’ ‘सुखदायी’, ‘भव्यानंद’ मनोहार;
परमानंदगिरि’ ‘इष्टसिद्धिगिंरि’, ‘रामानंद’ जयकार ||७||
‘भव्याकर्षणगिरि’ ‘दु:खहरगिरि’ ‘शिवानंद’ सुखकार;
जगनायक नेमिनाथ कहावे, गिरिनायक शणगार ||८||
शामळियाकु अखियन जाणे, करूणारस भंडार;
हेमवदे प्रभु तुज अखियनकुं, दीयो छबी अवतार ||९||
Comments
Post a Comment