Diksha Daneshwari Pyara (Hindi Lyrics) Jain Song


वीरप्रभुना संयमधर्मनो संदेशो देनारा, 
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा हो, गुणरत्नसरिजी अमारा 
प्रेमसूरिना लाडकवाया.....हो....(2), जिनशासन रखवाला, 
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा..... 

पादरलीमां जनम जाणे मरुधरमां सुरतरु फळीया, 
हीराचंद-मनुबाईनी कुखे रत्न समा जे अवतरीया, 
बाळपणाथी धर्मतणा संस्कारोथी वासित बन्या, 
मुनिजनोना संपर्कोथी युवापणे वैरागी बन्या, 
मोहमयी मुंबई नगरीमां, हो....(2) शिक्षा-दीक्षा पाम्या,
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा.....(१) 

शुद्ध संयमी प्रेमसूरिना हाथथकी दीक्षा लीधी, 
प्रेमसूरिनी साथे रहीने चौद वर्ष सेवा कीधी, 
त्याग-तप-स्वाध्यायनी अविरत धूणी धखावी अंतरमां 
निर्दोष गोचरी, शुद्ध पालणी, जिन आणा धरे रगरगमां, 
वडिल बंधु जितेन्द्रसूरिना, हो....(2) शिष्य बन्या जे न्यारा,
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा.....(२) 

खवगसेढी, उपशमना, जैन रामायण ग्रंथो सर्जे, 
जीरावला, वरमाण ने भेरूतारक तीर्थो आदर्श, 
शिबिर-संघ ने उपधानोथी युवक जागृति लावे जे, 
घर-घरमां वैराग्य वाणीथी दीक्षानी ज्योत जगावे जे, 
सैंकडो वर्षनां इतिहासोनु, हो...(2) नवसर्जन करनारा,
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा.....(३) 

जिनशासनना तेज सितारा, विश्वप्रकाश फैलावे जे, 
पुण्यनी रेखा प्रसरे जेनी, गुणरत्नोनी खाण जे, 
प्रेम-भानु-जयघोष-जितेन्द्रना अंतरमा जे वसनारा, 
रश्मि जेनी प्रसरी रही छे, एवा 'हीर' ने धरनारा, 
भवसागरथी तारो अमने, हो.....(2) गुरुवर तारणहारा,
दीक्षा दानेश्वरी प्यारा.....(४)

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