वीरता नी हद ने जे ओडंगता
ए वीर मात पिता ने चरणे वंदना
अशक्य जेनी वीरता नी कल्पना
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
आख मा तो अश्रुओ नी धार छे
अमे मक्कम मन माही निरधार छे
व्हाल थी भरेला मनने मनावे छे
ए जे व्हाल थी बाळ ने वधावे छे
वीर्य प्रगटावी जे वीरती अर्पता
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
जन्मया जेमथी वीर गौतम चंदना
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
एक बाजु पुत्री केरो प्रेम छे
एक बाजु वीर छे ने नेम छे
एक बाजु वीरती नो बाग छे
एक बाजू पुत्री केरो राग छे
अन्ते जेओ संत बनवा संत थी ने सम्म्मति आपे ने रक्षा करे
रक्षा को जे वीर केरा पंथ ना
बंध को जे वीर केरा वंश ना
जन्मया जेमथी वीर गौतम चंदना
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
पुत्र विरह नो दुःख भारे लागे छे
काळजा मा तीर सम ए वागेछे
तत्त्व समजी सत्त्व फोरवी ने जेओ
ए पुत्र ने पण हस्ता हस्ता त्यागे छे
जन्मया जेमथी तीर्थपती जैन धर्म ना
जन्मया जेमथी महापुरुष जैन संघ ना
जन्मया जेमथी सती सीता ने रंजना
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
जन्मया जेमथी वीर गौतम चंदना
ए वीर मात पिता ना चरणे वंदना
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