यौवन वयमां...(३) सुख छोडनारा महान.
आ काळ मां साधु थनारा महान महान…
आ काळ मां.साधु थनारा महान..
वैराग्य वैभव, समता ना सुरो, रत्नत्रयी ना रंगो,
गुणो नी गंगा, शुद्धि ना शिखरो, तत्त्वत्रयी तरंगो,
करुणा कंचन साधना नुं धन,
संयम नी फोरम शोभावशे तारुं जीवन वंदन..
वंदन तने वंदन, नंदन तने वंदन, वंदन तने वंदन…
सामेथी चाली, कष्टो सेहशे, काया ने बाळी, विरती मां वहेशे...(२)
सुखोने हवे अलविदा कहेशे, प्रभु ने भजी मस्ती मां रहेशे,
सेकवा ने जशे ते पोतानुं तन,
जीतवा ने जशे तुं पोतानुं मन वंदन..
वंदन तने वंदन, नंदन तने वंदन, वंदन तने वंदन…
राजपथनी वाते जाए, संयम नी सरगम तुं गाए,
वंदन वंदन तने वंदन वंदन..
नेम अने राजुल ना पंथे, उचरे रे तुं करेमी भंते,
वंदन वंदन तने वंदन वंदन
आत्मोद्वार करनार तने वंदन वंदन...
विरती ने वरनार तने वंदन वंदन..
महाव्रत धरनार तने वंदन वंदन
वंदन वंदन तने वंदन वंदन....(४)
संयम फोरम तरफ तुं मांडे कदम...
वंदन वंदन तने वंदन वंदन
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