अखियां हरखण लागी हमारी,
अखियां हरखण लागी,
दरिशन देखत पार्श्व जिणंद को,
भाग्य दशा अब जागी...
अखियां हरखण लागी हमारी,
अखियां हरखण लागी
अकल अरूपी और अविनाशी,
जगमें तुंही तुंही निरागी,
सुरति सुंदर अचरिज एही,
जगजनने करे रागी...
अखियां हरखण लागी हमारी,
अखियां हरखण लागी
शरणागत प्रभु ! तुज पदपंकज,
सेवना मुज मति जागी,
लीलालहेरे दे निज पदवी,
तुम सम को नहीं त्यागी...
अखियां हरखण लागी हमारी,
अखियां हरखण लागी
वामानंदन चंदननी परे,
शीतल तुंही तुंही सोभागी,
ज्ञानविमल प्रभु ध्यान दरंता,
भवभयभावठ भांगी..
अखियां हरखण लागी हमारी,
अखियां हरखण लागी
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