Tap Ni Dhun Lagi (Hindi Lyrics) Jain Tapasya Song

तर्ज: (कसुम्बी - परमाणू)
दीक्षा पामी संयमी बनी प्रभु नी आणा चित्तमां धारे
आतम अजवाळी करे विषम तप भारे..(२)

जुहो रे लागी रे लागी रे लागी
लागी रे लागी रे लागी तप नी धून...
जुहो रे लागी रे लागी रे लागी
लागी रे लागी रे लागी प्रभु नी धून…

साधना नी शरणाई थी भक्ति नी बासुरी थी
शंख ना शोर थी मोह ने लालसा ने डरावे रे..(२)
जुहो रे लागी रे हो लागी रे लागी…

अक्षय पद ने मेळववा,
गावा ने सिद्धि सरगम
करी तप नी जुगलबंदी,
उर ना आलाप थी..(२)

विर्ती नी वीणा थी रेलाशे रे सिद्धि यश ना गीत
संयम ना सितार थी गुंजशे सुरीला शाश्वत संगीत रे..
जुहो लागी रे हो लागी रे लागी…

आस्था ना एकतारा थी उपासना नी ध्वनि थी
तप ना स्वर सुर ताल थी मुक्ति पद गवासे..(२)
जुहो रे हो लागी रे लागी...

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