राग: (तेरी मिट्टी)
जो युद्ध हरे मैदानों में,
वो इंसान वीर कहा जाए..
जो युद्ध हरे अपने मन में,
वो महावीर सा बन जाए..
हालात बड़े ही मुश्किल है, पर हिम्मत मैं ना हारूँगा
महावीर की संतान हूँ मैं , फिर बन के शेर दहाडूंगा
तूने मुश्किल हालातों मैं भी, मन में अपने धीर रखा,
इन कर्मो की बदौलत ही, तू वर्धमान महावीर बना,
हाँ मैने अब ठाना है, वो युग वापस लाना ह
अंदर का अब वीर जगाना है,
जो तूने सिखलाई थी, वो बातें अपनाना है,
महावीर सा मुझको बन जाना है...
महावीर तेरी संतानो की,
मैने लाख दुआएँ पायी थी,
जब मौत सामने थी मेरे,
मैने मौत को आँख दिखाई थी,
तूने कितने उपसर्ग सहे,
तुझे कितनी आचें आयी थी,
जब चंडकौशिक ने डंक किया,
तूने दूध की नदी बहाई थी,
हाँ मैने अब ठाना है, वो युग वापस लाना है,
अंदर का अब वीर जगाना है,
जो तूने सिखलाई थी, वो बातें अपनाना है,
महावीर सा मुझको बन जाना है...
हर दर्द मेरा तकलीफ मेरी,
मुझे तेरी याद दिलाता है,
जब सोचता हूँ तेरे बारे में,
मेरा आँसू तक रो जाता है,
साँसों पे अब हक़ है तेरा,
तेरे नाम से खुद को सवारूँगा,
ये दाग नहीं है गर्व मेरा,
में फिर से इन्हें निखारूँगा,
हाँ मैने अब ठाना है, वो युग वापस लाना है,
अंदर का अब वीर जगाना है,
जो तूने सिखलाई थी, वो बातें अपनाना है,
महावीर सा मुझको बन जाना है...
Lyrics: Rishabh Sambhav Jain
Mahavir sa mujko ban jana hai - Hindi Lyrics |
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