Modified Lyricist - Jainam Sanghvi
साधु नो वेश क्यारे मळे, मांगु प्रभु बस एटलु
कुमकुम तणा ते छाटणा, केशर तणा ते साथिया
रजोहरण क्यारे मळे, मांगु प्रभु बस एटलु
विरती धर नो वेश प्यारो प्यारो लागे रे
संसारी नो संग खारो, खारो लागे रे
रजोहरण मेळववा ने हवे मन मारु लोभायु
गुरुकुल मा वसवाने काजे दिल मारु ललचायु
महावीर तारो मार्ग कामणगारो लागे रे... संसारी....,
एक मनोरथ एवो छे, वेश श्रमण नो लेवो छे
एक मनोरथ एवो छे, वेश श्रमण नो लेवो छे
अंतरनी ए प्यास छे, संयम नी अभीलाष छे
मारा जीवन नो एकज सार, संयम लई करवो उध्दार
वीर प्रभु नो अंश मळे, गुरु गौतम नो वंश मळे
पतित पावन प्रभुजी उगारो,
पतित पावन प्रभुजी उगारो,
रत्नत्रयी नो याचक तारो
क्यारे मळशे मने निग्रंथ पंथ,
क्यारे थशे मारा भवनों रे अंत
क्यारे बनीश...
लागी रे लागी रे लागी रे, संयम नी लगन लागी
लागी रे लागी रे लागी रे, संयम नी लगन लागी
जागी रे जागी रे जागी रे, संयम नी अगन जागी
त्यागी रे त्यागी रे त्यागी रे, मारे बनवु छे त्यागी
लागी रे लागी रे....
घेल्यु लाग्यु मुजने, हु तारा पंथे चालु
घेल्यु लाग्यु मुजने, हु तारा पंथे चालु
तारा पंथे चाली, हु कर्मों सगळा बाळु
देवो पण, झंखे रे, वंदे रे जेवा जीवन ने
लगनी लागी रे, अग्नी जागी रे, संयम जीवन नी प्रभु
साधना ना पंथे मारा, जेवो पामर क्यारे जाए
साधना ना पंथे मारा, जेवो पामर क्यारे जाए
आज मारा मनमा जागे छे आ रुडो अंतर्नाद
वहेली वहेली मळजो रे मने मुक्ति नी मंजील
मारा जेवा लोको फक्त सुखना साधना मांगे छे ने दुखाई छेता भागे छे
विरला कोइ निकळे छे जे सुख सामग्री त्यागे छे ने कष्ट कसोटी मांगे छे
आ जगनी मोह मायाथी मारी मुक्ती क्यारे थाए
आज मारे मनमा.....
सिध्दी माटे गावी पडे, साधना नी सरगम
आज मारे मनमा.....
सिध्दी माटे गावी पडे, साधना नी सरगम
आखरे तो लीधु संयम, स्वामी ऐवी स्वयंम ऐ संय्यम क्यारे मळशे .
जो सुख पावु वीर वचन में, वो सुख नाही अमीरी में
जो सुख पावु वीर वचन में, वो सुख नाही अमीरी में
मन लागो मेरो यार विरती में
धन्य समझ लु खुदके जीवन को जिनशासन की फकीरी में
मन लागो मेरो यार विरती में
मन लागो मेरो यार विरती में
मळजो रे मने वेश श्रमण नौ मळजो
आठ प्रहर नी साधना काजे, वहेली परोडे हु जागु
श्वासो लेवा माटे पण हु, गुरु नी आणा मांगु
प्रभुजी मारो साद आजे सांभळजो मळजो रे मने....
मारे बनवु अणगार, मारे बनवु अणगार,
मारे बनवु अणगार, मारे बनवु अणगार,
मारे तरवो संसार, मारे बनवु अणगार,
प्रभु पंथ ने पामी करु, हु आतमने उजमाळ
गुरु चरण ग्रही ने मारे, थावो छे भवपार
मानव जीवन नो सार ... .मारे बनवु अणगार
संयम संयम मारे लेवो संयम
Saiyam Mashup (Hindi Lyrics) |
Comments
Post a Comment