रंगाई हुं रंगाई, संयम रंगे रंगाई,
भिंजाई हुं भिंजाई, त्याग रंगे हुं भिंजाई..(२)
भौतिक सुखो मांगे छे दुनिया,
भौतिक सुखो मांगे छे दुनिया,
लौकिक रंगो इच्छे छे दुनिया,
मारा रोमे रोम मां एक झंखना...
रंगावु...रंगावु..(२) रंगावु मारे संयम रंगमां..(२)
तारा दर्शन थी मारी आंखो ठरे,
तारा दर्शन थी मारी आंखो ठरे,
वासनाओ भीतरनी क्षण मां टळे..(२)
तारी कृती मां मने कल्याण देखाय,
भगवान थवाना त्यारे अरमान थाय,
मारा रोमे रोम मां एक झंखना...
रंगावु...रंगावु..(२) रंगावु मारे संयम रंगमां..(२)
तमारा वचनो नी मने असर एवी थई,
रंगावु...रंगावु..(२) रंगावु मारे संयम रंगमां..(२)
तमारा वचनो नी मने असर एवी थई,
अध्यात्म नी खरी सफर प्रारंभ थई..(२)
हवे सांभळवी छे समवशरणे देशना,
लई महाव्रतो धरी श्रमण ना वेशमां,
मारा रोमे रोम मां एक झंखना...
रंगावु...रंगावु..(२) रंगावु मारे संयम रंगमां..(२)
रंगावु...रंगावु..(२) रंगावु मारे संयम रंगमां..(२)
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