Lyrics: Jainam Sanghvi
मुनि क्यारे बनीए, सुव्रत क्यारे लईए.
मुनिसुव्रत जेवा, अमे क्यारे थईए,
भाव एक ज हैये, मोक्षे क्यारे जईए.
मुनिसुव्रत जेवा, अमे क्यारे थईए... मुनि क्यारे... [१]
तुजने हुं निशदिन, पूजु ने सेवु ,
तुजने हुं निशदिन, पूजु ने सेवु ,
कारण बनवुं, तारा ज जेवु,
देवू जे लीधुं छे, पाछु क्यारे दईए,
मुनिसुव्रत जेवा, अमे क्यारे थईए
भाव एक ज हैये... मुनि क्यारे... (२)
मानव भव नुं, मूल्य अतुल्य छे,
दोषो ने दुर्गुणो, करवा ज शून्य छे,
सुव्रतने आजीवन, सुप्रत क्यारे करीए,
सुव्रतने आजीवन, सुप्रत क्यारे करीए,
मुनिसुव्रत जेवा, अमे क्यारे थईए
भाव एक ज हैये... मुनि क्यारे...[३]
आवे जो सुविधाओ, के जो दुविधा आवे,
आवे जो सुविधाओ, के जो दुविधा आवे,
अमने जोता फावे, ज्ञाता-द्रष्टा भावे,
भावि जीवन सगळे, समता मांहि रहीए,
मुनिसुव्रत जेवा अमे क्यारे थईए...
गुणना रत्नो लईने, गुणस्थानक चढीए,
अने कोई शुभ घडीए, दरियों भारे तरिये,
मुनिसुव्रत जेवा, अमे क्यारे थईए
भाव एक ज हैये... मुनि क्यारे...(४)
* धून *
ओ मुनिसुव्रतस्वामी, बनु उन्नत गामी,
गुरुथी व्रत पामी, बनुं हुं सतघामी,
बनु अर्हतरामी, प्रभु अंतर्यामी,
नमामि प्रणमामि, ओ मुनिसुव्रत स्वामी,
मुनि क्यारे बनीए, सुव्रत क्यारे लईए...
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