हे वागे दिव्य घ्वनी शरणाई..(२)
वरसदिवसना अंते आजे झुमी रह्या नरनारी,
हे... आवी श्रेयांस घेर वधाई..(२)
तपना ताने हरखाता पधार्या संयमधारी
{पारणां थया आज रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
{अहोदानम् थया नाद रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
हुं तो पावन पगलां पखाडुं..(२)
रूमझुम रूमझुम पांपणमां पुष्पे, मंगल घडीने वधावुं,
हुं तो आनंदे नाचुं गाउं..(२)
ईक्षुरसना घडला भरी, ऋषभने पारणुं करावुं...
{पारणां थया आज रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
{अहोदानम् थया नादरे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
हे... आवी श्रेयांस घेर वधाई..(२)
तपना ताने हरखाता पधार्या संयमधारी
{पारणां थया आज रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
{अहोदानम् थया नाद रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
हुं तो पावन पगलां पखाडुं..(२)
रूमझुम रूमझुम पांपणमां पुष्पे, मंगल घडीने वधावुं,
हुं तो आनंदे नाचुं गाउं..(२)
ईक्षुरसना घडला भरी, ऋषभने पारणुं करावुं...
{पारणां थया आज रे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
{अहोदानम् थया नादरे, मारा ऋषभनां,
जगमां जय जय कार, के मारा ऋषभनां}..(२)
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