मने देजो सदा साथ...ओ (४)... व्हाला आदिनाथ ओ...
आव्यो तुम पास... लई मुक्तिनी एक आश,
मने करशो ना निराश...ओ (४)... व्हाला आदिनाथ ओ..१
तारा दर्शनयी मारा नयनो ठरे छे... नयनो ठरे छे,
रोमे रोमे आ मारा पुलकित बने छ... पुलकित बने छे,
भवोभवनो मारो उतरे छे थाक, हुं तो पामु हळवाश,
ओ ओ ओ ओ... व्हाला आदिनाथ ओ ओ ओ ओ...२
तारी वाणीथी मारूं मनडुं ठरे छे... मनडुं ठरे छे,
कर्मवर्गणा मारी क्षण क्षण खरे छे... क्षण क्षण खरे छे,
ठरी जाय छे मारा कषायोनी आग, छूटे राग- द्वेष की गांठ,
ओ ओ ओ ओ... व्हाला आदिनाथ ओ ओ ओ ओ...३
तारा आज्ञाथी मारू हैयुं ठरे छे... हैं ठरे छे,
तुज पंथे आगळ वधवा सत्त्व मळे छे... सत्व मळे छे,
टळी जाय छे मारो मोह अंधकार, खीले ज्ञान अजवाश,
ओ ओ ओ ओ... व्हाला आदिनाथ ओ ओ ओ ओ...४
तारूं शासन पामीने आतम ठरे छे... आतम ठरे छे,
मोक्ष मार्गमां ए तो स्थिर बने छे... स्थिर बने छे,
मल्यो तारो मार्ग, मारा केवा सदभाग्य, मारा केवा धन्य भाग ,
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