मुनि तारा दर्शन थी (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत

छोडवा जेवो संसार छोडी, 
मोहमाया ना बंधन तोडी..

जगत थी जे जुदा थाय...

मुनि तारा दर्शन थी दु:ख जाय...


कहे मुनिवर राया सांभळ मारी काया, 
धरुं नहीं तारी माया तप तपुं सुखदाया, 
नित्य समरे ए धन्ना मुनि ने, 
तपने अजवाळ्यो समता धरीने..

छोडवा जेवो...

बाळने लाड लडावे, वृक्षनुं अंतर ठारे, 
ग्लाननी भक्ति टाणे, ग्लानि कदी नहीं आणे, 
करवी नंदीषेण मुनि जेवी सेवा, 
वहेला लेवा छे शिवसुख मेवा..

छोडवा जेवो...

स्वाध्याय पंच प्रकारे भणे भणावे धारे, 
आगम अर्थ विचारे संयम तेज सवारे, 
गुरुवर तमे छो समकितदाता, 
गुरुवर मळजो तमारी छाया..

छोडवा जेवो...

ज्ञानी कहुं के दयानी तमे छो गुणखाणी, 
गुणगरिमां जेनी जगतथी नहीं छानी, 
रंगे उमंगे गुरुवर पाया, 
आजे जयकार एना गवाया..

छोडवा जेवो... 
मुनि तारा दर्शन थी (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत
मुनि तारा दर्शन थी (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत

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