संतप्त आ संसारमां करुणानी जलधारा तमे,
चदां तमे सूरज तमे त५तेजधर तारा तमे,
सहु जीवथी न्यारा तमे सहु जीवना प्यारा तमे,
हे नाथ ! हैयु दई दीधु हवे आजथी मारा तमे.....
मुज पुण्यनी पुष्टि तमे संकल्पनी मुष्टि तमे,
भव ग्रीम तापे तप्त जीवो पर अमीवृष्टि तमे,
आ विश्वनी हस्ती तमे मुज मन तणी मस्ती तमे,
मुज नेत्रनी दृष्टि तमे मुज स्वप्ननी सृष्टि तमे.....
हर्षे भर्या हैया तमे गुणाप्रीतना सैया तमे,
शुभ जीवनकेरी साधनाना रथतणा पैया तमे,
दोषीतणा वनमां भमताना छो रखवैया तमे,
भवसागरे नैया तमे, अम बाळनी मैया तमे
महा पंथना दाता तमे, महारोगमां साता तमे,
जेनुं न थातु कोई जगमां तेहना थाता तमे,
शुं कहुं संपूर्ण पटकायो तणी माता तमे...
औचित्य केरुं कद तमे जीवो प्रति गगद तमे,
सर्वोच्च धरियुं पद तमे वळी तेहमां निर्मद तमे,
करुणामहीं बेहद तमे शुभता तणी सरहद तमे,
आतमतणा दुःसाध्य आ भव रोगनुं औषध तमे...
जयां कार्य कोई अटकी पडे त्यां कार्यसाधक पळ तमे,
छो निर्बळोनुं बळ तमे संकट समय सांकळ तमे,
बनी वृक्ष लीलाछम तमारा आंगणे ऊभा अमे,
बस दर्शने भीनुं बने मन एहवुं झाकळ तमे....
करुणा महादेवी तणा सोहामणा नंदन तमे,
संसार केरा रण मही आनंदनी छो क्षण तमे,
कषाय केरी उग्रताए प्रजवळता चैतन्यने,
बस नाम लेतां ठारतुं प्रभु एहवुं चंदन तमे...
मार्गस्थ जीवो काज भवनिस्तारणु तरणुं तमे,
अध्यात्मना गुण बागमां मन मोहतुं हरणुं तमे,
मुज पुण्यनुं भरणुं तमे मुज प्रेमनुं झरणुं नमे,
आ विश्वना चोगानमां छो शाश्वत शरणुं तमे.....
हे नाथ हैयु दई दीधु (Hindi Lyrics) जैन स्तुति |
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