अमे चाल्या रे गढ गिरनार (HIndi Lyrics) जैन गीत

अमे चाल्या रे..गढ गिरनार...

नेमि..तारा प्रेमी...
अमे चाल्या रे.. गढ गिरनार...(३)

एनी वाटे तमे पण गयाता,
व्रत केवल ने मोक्ष वर्याता.
राजुलने छोडी पाछा वळ्याता,



अखंड प्रीतना कोल कर्याता..
नेमि..नेमि..नेमि..नेमि..नेमि..नेमि.. तारा प्रेमी..

नेमि..नेमि..नेमि... नेमि..नेमि..नेमि...

अमे चाल्या रे.. गढ गिरनार...(४)

तीर्थंकर तणी ए पावन भूमि,

कल्याणको तणी खाणी रे,
शाश्वत गिरी तणी महोर छे जेनी,

श्रद्धा मने घणी ए वातनी..
अमे चाल्या रे.. गढ गिरनार...(४)

आशा बहु मोटी लई, तरशुं अमे शरणुं लई,
वैराग्य अंतरमां धरी, जीवो प्रति मैत्रीधरी,
परसंग सघळा छोडीने, परमार्थ सघळा साधीने,
आतम परम पद पामशे, ए राजप आराधीने..(२)

दीशा दई निज प्रेमीने, राजुलने तारी प्रभु,
नेह साचव्यो अबला कही..

सबळा रही गया हो प्रभु..(२)

ए माटे हवे...

तुम माटे यई अमे संयम लईशु..
तुम वाटे जई अमे भवथी तरशुं.. (२)
संयम लईशु..भवथी तरशुं..(२)
अमे चाल्या रे गढ गिरनार (HIndi Lyrics) जैन गीत
अमे चाल्या रे गढ गिरनार (HIndi Lyrics) जैन गीत


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