आदि जिणंदा, मरुदेवानो नंद
तारी कृपानो, मेघ वरसे जिणंद
आव्यो छुं हूं, तारे द्वारे प्रभु,
याचक हुं छुं, स्वीकारो विभु
आतम मारो, दादा शोधे तने
अंतरथी दादा तुं ज गमे
आदि जिणंदा, मरुदेवानो नंद
मळयो मने, भीतरमां विभु
एक विनती माहरी स्वीकारी तु ले,
तारो मानी बाळने संभाळी तु ले
आदि जिणंदा, मरुदेवानो नंद
तारो साथ, मुजने मळे;
फेरो मारो, भव नो टळे
आदि आदि नाम रटता, वीते दिवसो
आप आवी मुज अंतरमां वसो
आदि जिणंदा, मरुदेवानो नंद
तमारी कृपानो, मेघ वरसे जिणंद
आतम मारो, दादा शोधे तने,
आवी ने तुं ऊगार मने
तारो मानी, संभाळी तुं ले,
आदि जिणंद, मने संयम तुं दे
आदि जिणंदा, मरुदेवानो नंद
आदि जिणंदा मरुदेवानो नंद (Hindi Lyrics) जैन गीत |
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