दिपकनां उरमां सुर भरीने रोशनी गाया करे,
ने घंटनाद वाजींत्र थई लय तालमां वाग्या करे,
ए मधुर ध्वनिनां स्पर्शथी जागी गयो मुज आतमा,
हे नाथ तारुं बिंब मुजने स्वर्ग सम लाग्या करे..
पांपणना पट पर बेसी जोउं छुं तुज वाटडी,
लख लख वहेता अश्रुओथी छे भीनी मुज आंखडी,
चोमेरथी भरखी रही धगधगती धरती शुं करुं,
तरुवर बनो प्रितम तमे तो छंयडी मुजने मळे..
तुज भक्तिमां लयलीन बनवुं एक छे मुज कामना,
आ जीवननी रंगोळीमां रंगो पूर्या तुज नामना,
हे मित तारी प्रित तारी झंखना दिलमां रहे,
वीतराग तुज आराधनामां क्षण क्षण मारी विते..
हुं छीप तुं मोती प्रभु हुं दीप तुं ज्योति प्रभु,
आलोखी तारा नामनी मुज ह्रदयमां तखति प्रभु,
तुजने भुलावे एवी जगमां ना कोई हस्ति मळे,
करु भक्त बनी भक्ति सदा मने एहवी शक्ति मळे..
सौंदर्यनो शणगार सजीने, शोभी रही भले प्रकृति,
मन मोहिनी सुर सोहिनी विसरुं नही तुज आकृति,
हे नाथ तुज सानिध्यथी विघ्नो तणा वादळ टळे,
हितकारी तारा चरणमां मुज आतमा ऊन्नत बने..
He Nath Taru Bimb (Hindi Lyrics) Jain Stuti |
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