JAI JAI GARVO GIRNAR (HINDI LYRICS) Jain Stavan


नेम प्रभु ना पावन पगले थयो 
धन्य पेलो गीरनार
जय गीरनार, जय गीरनार, 
जय जय गरवो गीरनार

जय जय गरवो गीरनार , 
जय जय गरवो गीरनार
नेमनाथ गीरी शणगार , 
जय जय गरवो गीरनार

पंचम शिखर शत्रुंजय तणुं, 
ए सिद्धगीरी छे धाम,
कैलास, उज्ज्यंत, रैवत, नंदभद्र, 
स्वर्णगीरी गीरनार,
नामो कर्ण विहर प्रासाद , 
जय जय गरवो गीरनार (२)

ज्यां शोभे अंबिका मां, 
शासन ने सदा सुखकार,
भावे प्रणमुं श्री नेमी जिनेश्वर, 
गीरी भूषण शणगार,
पृथ्वी ना तिलक समान, 
जय जय गरवो गीरनार (२)

छे अनंत आत्माओ तणी, 
दीक्षा भूमि गीरनार,
छे अनंत तीर्थंकर तणी, 
कैवल्य भूमि गीरनार,
ने आवती चोवीसी तणी, 
निर्वाण भूमि गीरनार,
अध्यात्म नगरी गीरनार,
जय जय गरवो गीरनार (२)

चौद हाजर नदी ना ज्यां जळ समा,
आ शीतळ गजपद कुंड,
ज्यां द्रष्टि अनुभवे  धन्यता जोई 
राजुल रहनेमी टूंक,
दीक्षा केवळ सहसावने, 
नामो समवसरण जीन बिंब,
दीपे शिखरो नी माळ, 
वंदन वंदन वंदन

ज्यां ना कणे कण मां वसे, 
महापुरुषो ना बलिदान,
धार पेथड सज्जन झांझडशा, 
नामे वही आ रक्तधार,
वंदु हिमांशुसूरी, धर्म रक्षित, 
हेम वल्लभ मुनी राज,
सौ चालो जईए गीरनार, 
जय जय गरवो गीरनार
JAI JAI GARVO GIRNAR (HINDI LYRICS) Jain Stavan
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