नेमजी नी भक्ति ने गुणगान मा, 
राजुल खोवाई नेम ध्यान मा... 
एणे मांडी छे आतम नी साधना, 
जुमती ती रोज रोज नेम ना ए राग मा,
आजे तो मन मां वैराग छे, 
प्रीतम छे एनो जे, नव नव भव नो,
ए नेम तो आज वीतराग छे, 
भव भव नी रीत तोडी, आतम नी प्रीत जोडी,
साची प्रीति ना रसपान मा... 
ए प्रीति तो पोहची मोक्ष धाम मा, 
एवी राजुल खोवाइ नेम ध्यान मा...
 

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