मंगळ दीवो (Hindi Lyrics) जैन आरती



दीवो रे दीवो प्रभु मंगळिक दीवो

आरती उतारण बहुचिरंजीवो...


'सोहम' ने घेर पर्व दिवाळी, 

अंबर खेले अमरा बाळी...


'देपाळ' भणे एने कुळ अजवाळी,

भावे भगते विघ्न निवारी...


'देपाळ' भणे एने ए कलिकाळे, 

आरती उतारी राजा कुमारपाळे...


अम घेर मंगळिक, तुम घेर मंगळिक, 

मंगळिक चतुर्विध संघने होजो…


★ नोध★ 'सोहामणुं', 'दीपाळ' जैन संघ में ये जो शब्द प्रचलित हैं, वे अशुद्ध हैं। उपर्युक्त के अनुसार, शुद्ध शब्द गुरु ने बताए है।

मंगळ दीवो (Hindi Lyrics) जैन आरती
मंगळ दीवो (Hindi Lyrics) जैन आरती

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