सिद्धशीलाए मने तेडावो...
राह जोउं… राह जोउं,
प्रभु आवशे ने लइ जाशे.... (२)
प्रभु आवशे ने लइ जाशे...
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले,
आंसुओना सागर छलके...
युगयुगना स्वामी तमे हैयुं बोले,
प्रीतमां मारु मनडुं डोले..
हैयुं मारु हवे नहि वशमां
ओ भगवंत ! मने पास बोलावो..
सिद्धशीलाए मने तेडावो...
राह जोउं… राह जोउं,
प्रभु आवशे ने लइ जाशे.... (२)
तारो मारग लागे मने प्यारो प्यारो,
आपो मने वेश तमारो...
पाप नथी रे करवा मारे आ जीवनमां,
संयम केरा भाव प्रगटावो..
मारग साचो आ जगमां,
मळजो मने आ भवमां...
ओ वीतरागी राग तोडावो,
वैरागीना भाव प्रगटावो...
राह जोउं… राह जोउं,
प्रभु आवशे ने लइ जाशे.... (२)
तारा विनानु जीवतर लागे सुनु-सुनु
हैयु मारु रुदन भिनु
पाप नथी रे करवा मारे आ जीवन मा
तारी साथे तार जोड़ाणु
तारी प्रीति एकज साची
ओ भगवान मारा भाव प्रगटावो
Good work
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