Diksha Che Mangalkari (Hindi Lyrics) Jain Diksha Song

मारुं भीनुं थयुं छे अंतर, वगडावो मंगळ बाजींतर...
सुका-सुका तन-मन पर, आजे वर्ष्या छे ब्रह्मचारी,
हुं बनु शील संवेगधारी, दीक्षा छे मंगलकारी...

आशामा निराशामां, ना भींजाये मारी आंखों,
मने मळी छे देव गुरुना, श्वास-विश्वासनी पांखों,
मारा हृदय गगनमां वादळ बनी, आजे स्पर्श्या छे गिरनारी,
हुं बनु शील संवेगधारी, दीक्षा छे मंगलकारी....

रोज-रोज बदलाय छे, दुनियामां जीवनना तरंगो
जोई-जोई ना बदलाये, संयमीना आतमना तरंगो,
संयम नो साद लईने, आव्या शंख लंछनधारी,
हुं बनु शील संवेगधारी, दीक्षा छे मंगलकारी...

Rachna: P. Pu. Jinangdarshan MSji
Diksha Che Mangalkari (Hindi Lyrics) Jain Diksha Song
Diksha Che Mangalkari (Hindi Lyrics) Jain Diksha Song


Comments