Lyrics - Devardhi Saheb
परम स्पर्शनी क्षणो मळे छे..(२) जीवनमां एक वार,
सदगुरूनां आशिषथी, जीव पामे उध्धार
लाग्यो लाग्यो रे अवधू रंग लाग्यो...ओ.. लाग्यो लाग्यो रे अवधू रंग लाग्यो..(२)
जाग्यो रे आनंदघननो रस जाग्यो..(२)
धम्मो मंगलम्.. (धम्मो मंगलम्..धम्मो मंगलम्..)
धम्मो मंगलम्…
मस्तीनी छे यात्रा पल-पल, व्हालुं लागे शांत जंगल,
चिदानंदनो अनुभव मांग्यो..(२)
जाग्यो रे आनंदघननो रस जाग्यो..(२)
धम्मो मंगलम्.. (धम्मो मंगलम्..धम्मो मंगलम्..)
धम्मो मंगलम्…
संयम सुख संवेदन लेहशे, भीतरमां भगवान रहेशे,
मोह नी माटी नो महेल भांग्यो..(२)
जाग्यो रे आनंदघननो रस जाग्यो..(२)
धम्मो मंगलम्.. (धम्मो मंगलम्..धम्मो मंगलम्..)
धम्मो मंगलम्…
बीज मांथी एक वृक्ष प्रगटशे, राग-द्वेषनां रोग मटशे,
अहम हारीने दूर भाग्यो..(२)
जाग्यो रे आनंदघननो रस जाग्यो..(२)
धम्मो मंगलम्.. (धम्मो मंगलम्..धम्मो मंगलम्..)
धम्मो मंगलम्…
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