Gyaan Panchami Dev Vandan Vidhi PDF Download

ज्ञान पंचमी देव वंदन PDF ▶  

यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसे 'सौभाग्य पचमी' और 'लाभ पंचमी' के रूप में भी जाना जाता है।


इस दिन 51 लोगासा, 51 स्वास्तिक, 51 खमासन 
और 
ॐ ह्रिॅ नमो नाणस 
के जप पद - 20 नवकारवली का कायत्सर्ग किया जाता है।

इसके फलस्वरूप कर्मों को ढकने वाला ज्ञान नष्ट हो जाता है। मूर्ख या अज्ञानी बुद्धिमान बन सकता है। अतीत में, वरदत्त और गुणमंजरी ने इसके खिलाफ कुछ किया था। इसलिए उन्हें अपने पापों का फल भोगना पड़ा। यह एक प्रसिद्ध कहानी है।
व्रत बिना कुछ बोले यानी पूरी तरह मौन रखकर किया जाता है। ताकि देखने वाले को बाद में सुख, सौभाग्य और सर्वज्ञता प्राप्त हो सके।






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