Neminath Ni Abhishek Dhara (Hindi Lyrics) Jain Stuti


गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय 
प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय
ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो 
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे... [१]

श्यामल प्रभुना मस्तके, निरखु हु क्षीरधारा धवल 
रोमांच अनुपम अनुभवु, गद-गद ह्रदय लोचन सजल
प्रत्येक आत्मप्रदेशे नेमि, प्रितने निश्चल करो 

अभिषेकना सुप्रभावथी, विघ्नो तणो थाओ विलय
सर्वत्र आ संसारमा, शासन तणो थाओ विजय 
सुख शांति पामे जीव सहु, करुणा सुवासित दिल करो 
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे... [३]

अभिषेकना सुप्रभावथी, गिरनार नो जय विश्वमा 
महिमा महा गिरिराज नो, व्यापी रहो आ विश्वमा 
आ तीर्थ ना आलंबने, भवि जीव शिव मंजिल वरो 

Neminath Ni Abhishek Dhara (Hindi Lyrics) Jain Stuti
Neminath Ni Abhishek Dhara (Hindi Lyrics) Jain Stuti

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