पद्मप्रभ प्राण से प्यारा,
छोडावो कर्मकी धारा
कर्मबंध तोडवा घोरी,
प्रभुजीसे अर्ज है मोरी
पद्मप्रभ प्राण से प्यारा,
छोडावो कर्मकी धारा
लघुवय एक थे जीया ,
मुक्ति वास तुम किया
न जानी पीर थे मोरी,
प्रभु अब खीचले दोरी
पद्मप्रभ प्राण से प्यारा,
छोडावो कर्मकी धारा
गयो सब काल गफलतमें
नरक दु:ख वेदना भारी,
नीकळवाना रही बारी
पद्मप्रभ प्राण से प्यारा,
छोडावो कर्मकी धारा
परवश दीनता कीनी,
पापकी पोट शिर लीनी
भक्ति नहीं जानी तुम केरी,
रह्यो निशदिन दुःख घेरी
पद्मप्रभ प्राण से प्यारा,
छोडावो कर्मकी धारा
पद्मप्रभ प्राण से प्यारा (Hindi Lyrics) जैन स्तवन |
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