केवा तू कामण करे (Hindi Lyrics) जैन स्तवन


केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 
केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 
ओ  अलबेला  हृदये  वसेला 
तुज चरणों मा मस्तक नमे

केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 



तारु स्मरण करू में
आखे थी अश्रु नी धारा वहे
तारु स्मरण करू में
आखे थी अश्रु नी धारा वहे
नयनो ने गमाता शमाणा मा रमता
तुज दर्श थी नयना ठरे।।।(1)

केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 

तारु चिन्तन करता
मारि चिंताओं सघडी  तड़े 
तारु चिन्तन करता
मारि चिंताओं सघडी  तड़े 
ओ वीतरागी सुन सोभागि
तुज सानिध्य आतम चहे।।।(2)

केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 
केवा  तू  कामण करे 
तुज  विन  कशू  न  गमे 
केवा  तू  कामण करे (Hindi Lyrics) जैन स्तवन
केवा  तू  कामण करे (Hindi Lyrics) जैन स्तवन

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