सुणीलेजो-3
सुणो शंखेश्वर तीर्थ नी वात , के भूमि ना कण कण सुनावे छे-2
केवो पावन छे प्रभु नो धाम , के भूमि ना कण कण सुनावे छे
श्रीकृष्ण जरा संघ नी भीषण लड़ाई मा जरा संघ कपट रचावी,
मेलि विद्या थी श्रीकृष्ण नी सेना ने ऐने निर्बल बनावी,
त्यारे ध्यान धरी श्री नेमिनाथ , निहाल्या श्री पार्श्वनाथ नी प्रतिमा
ए भूमि ना कण...
श्री नेमिनाथ नी सलाहें श्रीकृष्ण ने अट्ठम नो तप करीने,
श्री पार्श्व प्रभु नी प्रतिमा ने पामी , अभिषेक करिए जल छाटिने
कार्यो दूर जरा विद्या नो भार , पुनः सेना बनी रे बलवान
फरी लड़ाई थइने श्रीकृष्ण ना हाथे जरा संघ हनायो
हर्ष आवेश मा आवीने श्रीकृष्ण ने शंख नो नाद करियो
स्थापि प्रतिमा वसावयो शंखपुर, आम थयो शंखेश्वर मशहूर
बारवी सदी मा सज्जन सेठ ए बनावयो जिनालय ने प्रतिमा स्थापी रे,
मोगल राजा ए जिनालय ने तोड़ियो पण प्रतिमा ना खंडी शक्यो रे,
हा पूरी कर्यो खेद प्रतिमा , मळे सोनो तो आपे प्रतिमा
श्री उदयरत्नजी महाराज आवीने एवो स्तवन प्रभुनो गायो रे,
पार्श्व शंखेश्वरा सार कर सेवं का ,केवता एवडी वार लागे रे
कोड़ी कर जोड़ी जड़ वार आगे खड़ा , ठाकुरा चाकुरा मान मांगे
पल मा खुल्या द्वार दर्शन प्रभुना थया , महाराज पाचो एम गायो रे
आज मारे मोतिडे मेंह वुठ्या , प्रभु पार्श्व शंकेश्वरो हा उठ्या
सुणो शंखेश्वर तीर्थ नी वात (Hindi Lyrics) जैन स्तवन |
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