छोडीने चाल्या ए वैरागी (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत

संयमनुं.....
सपनुं ज एनी आंखे रमे
हांरे खुदनी एक खोजमां हवे नीकळे
जाय सहुने त्यजी, ने निःसंगता वरी
ए हवे..ए हवे..
चाले मक्कम मने, सत्त्व हैये घरे
ए हवे...ए हवे...

रंग वैराग्यनो, शोभे छे त्यागनो
जेने छोड्या छे सुखो तमाम
पूर्णता पामवा, लक्ष्यने आंबवा
छोडी दीधी हवे दुनिया...
छोडीने चाल्या ए वैरागी..(२)
अजबनी छे एनी खुमारी..(२)

अनुकूळताओ सो-सो मळशे, तो य लेशे नही
प्रतिकूळताने उभी करशे, हेजे डरशे नही.
वीर ना मार्ग पर, चालशे उम्रभर
करशे युद्धनो महाशंखनाद
थाकशे ना कदी
कर्म संग्रामथी
जीत छे एना हाथे सदाय
छोडीने चाल्या रे वैरागी..(२)
अजबनी छे एनी खुमारी..(२)

साधना समर्पण, एना श्वासोश्वास
गुणकीर्तिने पामी जीवनमां, करशे दिव्य उजास
सिद्धि एने मळे, जय विजयने वरे
एना सपना बने साकार
आतमां झळहळे
एमनो हरपळे
एनो धन्य बने अवतार
छोडीने चाल्या रे वैरागी..(२)
अजबनी छे एनी खुमारी..(२)






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