इक्षु रस का किया पारणा , आखा तीज महान
जय जय आदिनाथ भगवान -2
ऐसा कर्म उदय में आया , बारह मास आहार न पाया,
सुखी कल्पवृक्ष सी काया , फिर भी दिलसे नही घबराया
घर घर मे नीत जावे गोचरी-2 , देवे सब सम्मान
कोई हाथी घोड़ा लावे , रत्न थाल कोई वोहरावे,
कोई कन्या भेट चढ़ावे , प्रभु देख पाछा फिर जावे
बारह घड़ी अंतराय की किनी -2, बारह मास भुगतान
विचरत विचरत महल में आया , भोजन दोष रहित नहीं पाया,
प्रभु लौट कर बाहर आया , कहे श्रेयांस हे मुनिराया
इक्षु रस निर्दोष है स्वामी-2 , यही लो कृपा निधान
आज प्रभु कर पात्र बढ़ाया , कुवर सेलडी रस वोहराया,
किया पारणा सब मन भाया , तीन लोक में आनंद छाया ,
घर घर हर्ष सवाया गाया-2 , सुरनर मंगल गान
इक्षु रस का किया पारणा (Hindi Lyrics) जैन स्तवन | अखात्रीज |
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