केवु धन्य जीवन जीवे छे मुनिराज (Hindi Lyrics) जैन गीत

केवु धन्य जीवन जीवे छे मुनिराज 
निरखु ने आंखों मा अमृत छलकाय-2
दुःख दे ना कोई ने सहन करे सताय -2
मुखड़ा पर समता नी शान्ति सदाय

ज्ञानं मूलं , गुरुर मुर्तु ,पूजा मूलं , गुरुर पदं
मंत्र मूलं , गुरुर वाक्यम , मोक्ष मूलं , गुरुर कृपा

पोतने माटे बनावेलो भोजन , सामें थी क्याक थी लावेलो भोजन
मुनि ना ले -2 लेश ना समाधि नंदवार
          
        सौ सौ सूरज उगे भले के चंदा उगे हज़ार
        सौ सौ सूरज हो भले , पण गुरु विना घोर अंधार

जरूरत विचारे पसंदगी ना राखे , शोधे निर्दोष जिन वचनों नी साखे -2
धैर्य ऐनु -2 की मेरु शर्माए , 

पडशे तो करशु संयम नी पुष्टि , मलशे ना तो धरशु मन थी संतुष्टि-2
मुनिवार ना -2 भावो नी शीवात धाय

ज्ञानं मूलं , गुरुर मुर्तु ,पूजा मूलं , गुरुर पदं
मंत्र मूलं , गुरुर वाक्यम , मोक्ष मूलं , गुरुर कृपा

निर्दोष भिक्षा जे लावे तन तोड़ी , वापरे मुनीश्वर ते राग द्वेष छोड़ी -2
प्राणमु हु -2 भाव धरी मुनिजन ना पाय
केवु धन्य जीवन जीवे छे मुनिराज (Hindi Lyrics) जैन गीत
केवु धन्य जीवन जीवे छे मुनिराज (Hindi Lyrics) जैन गीत







Comments