बंधन... तोडवा छे मोहना बंधन...
संयम लई करवो आत्मोद्वार
बंधन... तोडवा छे कर्मोना बंधन
संयम लई करवो आत्मोद्धार
संयम आधार, संयम शणगार
संयम लईने, मारे बनवुं अणगार...
संयम आचार, संयम विचार
संयम लईने, करवो निस्तार...
नित्य निगोदथी मानव जन्मनी, यात्रा करी अविराम
रागने त्यागी थई वैरागी, पामवुं छे विसराम...
अर्पण... गुरुचरणोमां करशुं सर्व समर्पण....
संयम लईने क२वो आत्मोद्वार
गुंजन... गुरृपाथी करशुं ज्ञाननुं गुंजन...
संयम लईने करवो आत्मोद्वार... 0१
सम्यग ज्ञाननुं पान करीने, समकित निर्मळ थाय
आचारोना शुद्विकरणथी, शाश्वत सुख पमाय...
मंथन... निश्चय अने व्यवहारनुं करशुं मंथन...
संयम लईने करवो आत्मोद्धार
संयम लईने करवो आत्मोद्वार... 0२
गुंजन.... गुस्कृपाथी क२शुं तत्त्वनुं गुंजना
गुरु करे छे शिष्यनुं सर्जन, सद्गणना दातार
गुरु करे छे अजवाळाने, दूर करे अंधकार
वंदन गुरुजयन्त चरणे करशुं वंदना
अंजन... निपुण गुरु करशे ज्ञाननुं अंजन...
संयम लई करवो आत्मोद्वार
संयम लई करवो आत्मोद्वार...
संयम लई करवो आत्मोद्वार
बंधन... तोडवा छे कर्मोना बंधन
संयम लई करवो आत्मोद्धार
संयम आधार, संयम शणगार
संयम लईने, मारे बनवुं अणगार...
संयम आचार, संयम विचार
संयम लईने, करवो निस्तार...
नित्य निगोदथी मानव जन्मनी, यात्रा करी अविराम
रागने त्यागी थई वैरागी, पामवुं छे विसराम...
अर्पण... गुरुचरणोमां करशुं सर्व समर्पण....
संयम लईने क२वो आत्मोद्वार
गुंजन... गुरृपाथी करशुं ज्ञाननुं गुंजन...
संयम लईने करवो आत्मोद्वार... 0१
सम्यग ज्ञाननुं पान करीने, समकित निर्मळ थाय
आचारोना शुद्विकरणथी, शाश्वत सुख पमाय...
मंथन... निश्चय अने व्यवहारनुं करशुं मंथन...
संयम लईने करवो आत्मोद्धार
संयम लईने करवो आत्मोद्वार... 0२
गुंजन.... गुस्कृपाथी क२शुं तत्त्वनुं गुंजना
गुरु करे छे शिष्यनुं सर्जन, सद्गणना दातार
गुरु करे छे अजवाळाने, दूर करे अंधकार
वंदन गुरुजयन्त चरणे करशुं वंदना
अंजन... निपुण गुरु करशे ज्ञाननुं अंजन...
संयम लई करवो आत्मोद्वार
संयम लई करवो आत्मोद्वार...
संयम लई करवो आत्मोद्वार (Hindi Lyrics) जैन दिक्षा गीत |
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