शंखनाद बाजे रे बाजे,
शरनाईओ शोर मचावे,
ढोल नगारा धुन मचावे,
वांसलियोना सुर पुरावे,
मृदङ्ग मोरली मंत्र बनावे,
तंबूराओ ताल पुरावे,
सितार सरगम सुर बजावे,
सारंगीना नाद गजावे,
घंटनाद घुघरीयो धमके,
खंजरीयो खन खन खन खनके,
दिलरुबा दिलतार धृजावे,
बिन बंसी बहुमान करावे,
विणानी सुरवाली छाजे,
झालर नो झंकार जणावें,
मधुरनादे ए सहु गावे,
शौर्य भर्या पोकर उठावे,
श्रुतरक्षानो साद सुनावे (३)
वंदे श्रुतज्ञानम (४)
ओ देवाधिदेवा, करू तारी हु सेवा (२)
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम (६)
वंदे शासनम, वंदे शासनम ।।
आ विश्वमा जे श्रेष्ठ छे, सर्वधर्ममा अतुल्य छे, (२)
सुरिश्वरो नो श्वास छे,
मुनिओ तणो विश्वास छे, (२)
वंदे श्रुतज्ञानम, वंदे श्रुतज्ञानम,
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम ।।
जे सत्य ने वली सुद्ध छे, जे तत्त्व ने वली बुद्ध छे (२)
तीर्थंकरोना शब्द छे,
गणधर तणा जे ग्रन्थ छे (२)
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम (२)
कैवल्यनु प्रतिबिम्ब छे,
अरिहंतोए प्ररूपेल छे, (२)
जिनधर्मनी जे शान छे,
श्रुत प्राणने प्रमाण छे, (२)
वंदे श्रुतज्ञानम, वंदे श्रुतज्ञानम,
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम ।।
पथदर्शी छे जे मोक्षनो,
दातार छे जे मुक्तिनो,
साधुतणो स्वाध्याय छे,
सिद्धि तणो संगाथ जे, (२)
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम (२)
शासन तणो आधार जे,
श्रुतरक्षा अम निरधार छे, (२)
संकल्प पूर्ण परिवार नो,
जिनधर्म नो जयकार छे, (२)
वंदे श्रुतज्ञानम, वंदे श्रुतज्ञानम,
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम ।।
ओ देवाधिदेवा, करू तारी हु सेवा (२)
वंदे वंदे वंदे श्रुतज्ञानम,(५)
वंदे शासनम, वंदे शासनम ।।
Vande Shrutgyanam (Hindi Lyrics) Jain Stavan |
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